Tuesday, February 8, 2011

वजह

जनम हुआ हमारा पेड़ों के शहर बरोडा में

आज वहाँ पेड़ कम, इमाराते ज़्यादा है.

इस वजह से आज हम बैठे हैं Sheffield की सबसे उँची पहाड़ी पे

हमारे साथ एक डायरी और पार्कर की कलम है.


लोग कहते है की हमें सिर्फ़ Engligh फाड़ने आती है

इस वजह से आज हम प्रयत्न कर रहे हैं मातृभाषा में कुछ लफ्ज़ लिखने

ताकि जब दो साल बाद देश लोटेंगे, आक्सेंट में बात करेंगे

और लोग हमें शाना बोलेंगे, तो उन्हे कुछ तो सुना पाएँगे!


काफ़ी गुस्सा आया आज सुबह

जब Nescafe के डब्बे पे पढ़ा "Makes over 100 cups".

पंद्रह दिन में ख़तम, कमिने टोपी पहनाने में नंबर वन है!

इस वजह से हम कॉफ़ी से रूठ कर, पिए बिना ही चढ़ गये

फिर साला याद आया, हम कप में नही, Full-size Mug में पीते है!


अब तक तो पता चल ही गया होगा की हम हिन्दी में काफ़ी Amateur हैं,

दुआ करता हूँ अगली बार मेरी पेशकश इससे ज़्यादा सुहानी रहे.

इस वजह से हम आगे बस और चार लाइन लिखेंगे

उमीद है की वो चार लाइन आपके दिल को छू दे.


लोग सोचते हैं की हम क्यों इतनी उँचाई पे बैठके लिखते है

ऐसा भी कहते होंगे की साला समझता खुदको प्रेमचंद है.

इस वजह से नही लिखता की हमें तुम्हारी तालियों की गूँज सुननी है,

लिखना तो सिर्फ़ एक बहाना है, इतनी उँचाई पे हम तो बस 'मेघ' को महसूस करने आते हैं!


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